ज़िन्दगी, तेरे नाम
ज़िन्दगी मुझको सताना छोड़ दे रूठी हुई है, बताना छोड़ दे मनाने के लिए सब्र है किस्मे? हसाने के लिए चाह है किस्मे? बदल गया है सब कुछ यहाँ पे रेहे गया पीछे सब कुछ, तू छोड़ आई जहाँ पे बीत गयी जो, छूट गयी जो, बेहता पानी, ना हाथ आने वाला. पछतावे में उम्र सारा ना गुज़रे बदल जाए ना मंज्हर, बदले ना चेहरे तू चली जाए, दो दिनका रोना है जो गया सो गया, जो है ना उसको खोना है सास रही जब तक, तुझे है आगे चलना थक के, हारके ही सही, तुझे फिर भी है संभलना